ये चंद लाईने मैंने युहीं ऑफिस से आते वक्त लिख डाली..शुरुआत की है शायद आपको पसंद आये या न आये, कह तो नहीं सकती.
टूट कर फिर से चाहो मुझे
की जुदाई अब सही नहीं जाती
सुना है तुम्हारी बातों से लोग खुश हो जाते हैं
ये बात है तो बात करो मुझसे भी
उदासी मुझसे अब सही नहीं जाती..
झूठ-मूठ यह तो नहीं कहूँगा कि "बड़ी शानदार गज़ल लिख डाली" पर हाँ जो भी लिखा है मन से निकला है, सीधा है, इसलिए अच्छा लगा पढ्कर .. आगे भी लिखती रहिये... और हाँ बुरा मत मानियेगा... आप भी बिहार से हैं इसलिए कुछ ज्यादा इन्फोर्मल हो गया...
ReplyDeleteऔर हाँ ये कमेन्ट सेक्शन से 'वर्ड वेरिफिकेशन' का ओप्शन हटा दीजिए.. इससे कमेन्ट करने में परेशानी होती है...
ReplyDeleteशुक्रिया सतीश जी.
ReplyDeleteकमेन्ट से वर्ड वेरिफिकेसन हटा दिया है मैंने.
मुझे तो बेहद अच्छी लगी। आपका यूहीं लिखा इतना खूबसूरत हैं तो संजीदा लिखा कितना बेहतरीन होगा, मैं कल्पना कर रहा हूं।
ReplyDeleteडायरी में संजो कर रखने वाले शब्द हैं ये।
अच्छा लिखा है| आगे और भी उम्मीद है|शुभकामनाएं!
ReplyDeleteसुंदर शब्दों के साथ.... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteअत्यंत सुन्दर रचना ,,एक खूबसूरत अंत के साथ ....शब्दों के इस सुहाने सफ़र में आज से हम भी आपके साथ है ...शायद सफ़र कुछ आसान हो ,,,!!!! इस रचना के लिए बधाई आपको
धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
ReplyDeletedobara keh rahe hai..Prerna ji..
ReplyDeleteशब्दों के इस सुहाने सफ़र में आज से हम भी आपके साथ है
प्रेरणा जी,
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपकी दस्तक से आपकी ब्लॉगीय मौजूदगी का पता चला!सो हाज़िर हूँ यहाँ!
आपकी उपर्युक्त पंक्तियों से आपकी भावुकता का संकेत मिल रहा है। मैं अपनी पत्रिकाओं में तमाम नविदितों के सृजन का साक्षी रहा हूँ... हर नवोदित कमोवेश कुछ यूँ ही शुरुआत करता है...आप ही की तरह।
आप आगे बढ़िए...श्रेष्ठ साहित्य पढ़ती रहिए और लिखती भी रहिए...मेरी आदमक़द शुभकामनाएँ!
रवि जी
ReplyDeleteमानस जी
जीतेन्द्र जी
संजय जी
आप सब का बहुत बहुत शुक्रिया!
मन को छूने वाले भाव। हार्दिक बधाई।
ReplyDelete---------
आपका सुनहरा भविष्यफल, सिर्फ आपके लिए।
खूबसूरत क्लियोपेट्रा के बारे में आप क्या जानते हैं?
bihar ka naam sunte hi nostalgic feel karne lagta hoon..ab ghar to ghar hota hai...
ReplyDeleteachhi shuruaat hai..likhte rahein....:)
aapki rachnaon ka intzaar rahega...
कभी-कभी यूं ही बहुत अच्छा लिख जाता है...शायद यह भी उसी का नतीजा है।
ReplyDeleteअच्छा लगा इसलिए ब्लॉग भी फॉलो कर रही हूं...