ये चंद लाईने मैंने युहीं ऑफिस से आते वक्त लिख डाली..शुरुआत की है शायद आपको पसंद आये या न आये, कह तो नहीं सकती.
टूट कर फिर से चाहो मुझे
की जुदाई अब सही नहीं जाती
सुना है तुम्हारी बातों से लोग खुश हो जाते हैं
ये बात है तो बात करो मुझसे भी
उदासी मुझसे अब सही नहीं जाती..